रंगो का है महीना छुटकारा सर्दियों से।
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गज़ल
221…….2122……221……2122
रंगो का है महीना छुटकारा सर्दियों से।
हे प्रभु तुम्हीं बचाओ अब सबको गर्मियों से।
अब एसी पंखे कूलर सर्विस सभी करा लो,
भीषण पड़ेगी गर्मी, आएगी खिड़कियों से।
होली में रंग खेलों, रॅंग डालो सारे चेहरे ,
रखना पर्हेज गोबर कीचड़ व नालियों से।
जब रंग खेलो यारो, सब भूल जाओ रिश्ते,
होली में दादा देवर, लगते हैं नारियों के।
ससुराल में तो होली का ही मज़ा अलग है,
जीजा जी पीछे पड़ते हैं अपनी सालियों के।
बस ध्यान इतना रखना तकरार हो न जाए,
स्वागत करे न कोई, होली में गालियों से।
त्योहार प्यार का है ‘प्रेमी’ मिलेंगे सबसे,
मिलते हैं जैसे हम सब भाभी व भाइयों से।
………✍️ सत्य कुमार प्रेमी