रंगो का बौछार
होली का उत्सव है आया,
रंगो का बौछार लाया।
खुशियों का बारात बन,
सबको है खूब भिगोया।
गिले-शिकवे सब मिटाकर,
दिल में प्यार का एहसास जगाया।
मन में बसे अनचाही बैर को भी,
होलिका में भस्म कर डाला।
रंग बिरंगे अबीरो ने,
जीवन में इन्द्रधनुष बनाया।
गुजिया और मिठाई ने भी,
जीवन में मृदंग बजा डाला।
दोस्त-यार प्यार-परिवार,
मिल फाग का गीत है गाया।
रंगोत्सव में मिल सभी ने,
मानवता का रंगोली है बनाया।
दीपाली कालरा