रंगों का ये खुमार का मौसम
रंगों का ये खुमार का मौसम
लाया है फिर बहार का मौसम
रहती बेचैनियां बड़ी दिल में
आएगा कब करार का मौसम
ज़र्द पत्तों सी बिखरी यादें हैं
है अभी इंतज़ार का मौसम
रुख हवाओं का देखकर ही तो
चलता है फूल खार का मौसम
चोट खाई बड़ी अभी दिल ने
अब कहाँ ऐतबार का मौसम
ये रुलाता कभी हँसाता है
कैसा ये जीत हार का मौसम
‘अर्चना’ खुशबुएं भरी दिल में
खिल रहा है जो प्यार का मौसम
02-03-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद
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