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27 May 2023 · 1 min read

रंगमंच

रंगमंच है जिन्दगी,हम सब इसके पात्र।
डोरी प्रभु के हाथ में,हम कठपुतली मात्र।।

जन्म से मृत्यु तक मनुज,रखता विविध चरित्र।
मात-पिता भाई बहन,कभी बना वो मित्र।।

सबके अपने भाव हैं, अपनी सोच- विचार।
झूठ सत्य के साथ ही,चलता ये संसार।।

निज बल-बुद्धि-विवेक से,उत्तम करें प्रयास।
तभी आपकी जिन्दगी, मधुर-मिठास।।

परदे पीछे दर्द रख,बाहर हँसी- फुहार।।
सबसे मिलना प्रेम से और जताना प्यार।।

जब तक साँसे चल रही, होगें खेल-हजार।
आना-जाना है लगा, धर्म-कर्म आधार।।

जीवन के इस मंच पर,कलाकार हम आप।
जिसका अभिनय श्रेष्ठ हो, वही छोड़ता छाप।।

-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
1 Like · 274 Views
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