Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2020 · 1 min read

रंगमंच का हर किरदार मुबारक है

जिस्म रूह के संगम का हर इक अवतार मुबारक है
दुनिया के इस रंगमंच का हर किरदार मुबारक है

सौ झूठों पर भारी पड़ जाता है सच्चा मौन यहाँ
खुशियाँ बिक जाती हैं कहे गम मुझे खरीदे कौन यहाँ
सुख-दुख के इस मेले में मैं गम में डूबा रहता हूँ
गम की पीड़ा समझी तो दुनिया वालों से कहता हूँ

खुशियों की बढ़ा दे चाहत जो वो गम भी यार मुबारक है
दुनिया के इस रंगमंच का हर किरदार मुबारक है

अहंकार की हीनभावना करे रक्त का हरदम पान
ये कैसी दुश्मनी निभाए पीढ़ी दर पीढ़ी इंसान
आँखों में अंगार लिए जो अपना सुधबुध खो बैठा
मिला प्यार तो वही लिपटकर के सीने से रो बैठा

मन के मैल को धोए जो आँसू की धार मुबारक है
दुनिया के इस रंगमंच का हर किरदार मुबारक है

बिन दरिया का कोई समंदर इस दुनिया में नहीं रहा
विश्वजेता बना सिकंदर भी दुनिया में नहीं रहा
शर्त यही है जीवन की सरगम गूँजे संगीत मिले
फर्क नहीं पड़ता फिर कुछ भी हार मिले या जीत मिले

जीत ले दिल जो औरों का ऐसी हर हार मुबारक है
दुनिया के इस रंगमंच का हर किरदार मुबारक है

Language: Hindi
Tag: गीत
190 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

നല്ല നാളുകൾ.
നല്ല നാളുകൾ.
Heera S
रुख़्सत
रुख़्सत
Shyam Sundar Subramanian
"" *अक्षय तृतीया* ""
सुनीलानंद महंत
तड़पता भी है दिल
तड़पता भी है दिल
हिमांशु Kulshrestha
चलिए देखेंगे सपने समय देखकर
चलिए देखेंगे सपने समय देखकर
दीपक झा रुद्रा
2838.*पूर्णिका*
2838.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
झूठो के बीच में मैं सच बोल बैठा
झूठो के बीच में मैं सच बोल बैठा
Ranjeet kumar patre
आओ गुणगान देश का गाएं
आओ गुणगान देश का गाएं
Pratibha Pandey
दीपावली
दीपावली
डॉ. शिव लहरी
कविता
कविता
Nmita Sharma
#अच्छे_दिनों_के_लिए
#अच्छे_दिनों_के_लिए
*प्रणय*
नई किरण रोशनी की ….
नई किरण रोशनी की ….
meenu yadav
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*पंचचामर छंद*
*पंचचामर छंद*
नवल किशोर सिंह
ज़िंदगी के रंग थे हम, हँसते खेलते थे हम
ज़िंदगी के रंग थे हम, हँसते खेलते थे हम
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ
मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ
श्रीकृष्ण शुक्ल
भावुक हृदय
भावुक हृदय
Dr. Upasana Pandey
अगर किसी के पास रहना है
अगर किसी के पास रहना है
शेखर सिंह
खंडकाव्य
खंडकाव्य
Suryakant Dwivedi
यदि भविष्य की चिंता है तो वर्तमान को सुधार लो
यदि भविष्य की चिंता है तो वर्तमान को सुधार लो
Sonam Puneet Dubey
"विश्वास का दायरा"
Dr. Kishan tandon kranti
गीता ज्ञान
गीता ज्ञान
Dr.Priya Soni Khare
यहाँ सब काम हो जाते सही तदबीर जानो तो
यहाँ सब काम हो जाते सही तदबीर जानो तो
आर.एस. 'प्रीतम'
जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी।
जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी।
Manisha Manjari
*
*"माँ कात्यायनी'*
Shashi kala vyas
वफा
वफा
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
वो नसीबों का सिकन्दर हो न हो ।
वो नसीबों का सिकन्दर हो न हो ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
मैं विवेक शून्य हूँ
मैं विवेक शून्य हूँ
संजय कुमार संजू
हर एक चेहरा निहारता
हर एक चेहरा निहारता
goutam shaw
आदतें
आदतें
Sanjay ' शून्य'
Loading...