यौवन से भरी कली सजदा सलाम करते हैं
**यौवन से भरी कली सजदा सलाम करते हैं**
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हर जन्म हो मेरी यही दुआ सुबह शाम करते हैं,
कसम से आप पर हम तो जी जान से मरते हैं,
मिली जो तुम न हम को जीते जी हम मर जायें,
जिन्द जान हम तुम पर सरे आम नाम करते हैं।
बलां की खूबसूरत हो किसी की नजर न लगे,
कोई भी जन नहीं देखा जो उनके मगर न लगे,
जो देखे एक बार देखता ही जाये मनसीरत,
यौवन से भरी कली हम सजदा सलाम करते हैं।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)