योग
योग जीवन की है कला
है एक वैज्ञानिक पद्धति।
शुद्ध हो जातीहै
हमारी रक्त नलिकाये।
खुल जाते है फेफड़े।
फेफड़ो की मांसपेशियो
मे आ जाती है लचक।
शक्ति बड़ जाती है
फेलने सिकुड़ने की।
बड़ जाती है आक्सीजन
ग्रहण करने की शक्ति।
शरीर के विकार को जलाकर
गैस को निकालते है बाहर।
प्राणवायु का शरीर मे
प्रविष्ट होना है सांस ।
प्रश्वास है बाहर निकलना।
दोनों की गति को
सीमित करना है प्राणायाम।
यदि तन , मन रखना स्वस्थ
तो योग करके रहो मस्त।।