योग रूप की धार, न कम करना श्री योगी
योगी जी की सुबुधि में, सदा ज्ञान की आग।
दिखा किंतु दिल में परम, प्राणि मात्र अनुराग।।
प्राणिमात्र अनुराग, बात ही है कुछ ऐसी।
सुहृद् प्रदेश प्रधान, सुकृति शुभ संतो जैसी।।
कह “नायक” कविराय, न बनना सत्ता भोगी।
योगरूप की धार, न कम करना श्री योगी।।
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बृजेश कुमार नायक
” जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता
आदरणीय का उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने पर हार्दिक स्वागत /अनंत हार्दिक शुभकामनाएं|