योग दर्शन
वृहत्तर भारत के अमर वंश की,
उच्चत्तम यही कहानी है –
ज्ञानी,ध्यानी,व्रती वीरों की
योगमय रही जवानी है..
वसुधा सींचित् होती रही पुण्यों से
मानवता की बेमोल निशानी है;
ऋषि पतंजल का योग -दर्शन
भूमण्डल में जानी पहचानी है |
रोगी ,भोगी रहो दुनिया वालों
बेमौत तुम्हारी पुरानी है ,
हम वीरों के वंशज भारतवर्ष के,
राह दिखाते,
अरिमर्दन कहलाते,
हमें सदा जय मनाती रही भवानी है….|
अखंड भारत अमर रहे
वन्दे मातरम्
जय हिन्दी !!!
जय हिन्द !!!
©
कवि आलोक पाण्डेय