Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jun 2021 · 1 min read

योग की जीवन में महत्ता

योग की जीवन में महत्ता
*******************
शरीर को अगर रोग मुक्त तुम्हे रखना है।
योग को जीवन में सदा तुम्हे रखना है।।

पहला सुख निरोगी हो काया,
दूसरा सुख घर में हो माया।
तीसरा सुख संत्वंती हो नारी,
चौथा सुख पुत्र हो आज्ञाकारी।
अगर इन सुखों को तुम्हे पाना है,
योग को जीवन में तुम्हे अपनाना है।।

योग की परम्परा है बहुत ही पुरानी,
इसको अपनाने मे करो न आनाकानी।
योग को अगर जीवन में तुम अपनाओगे,
अपना जीवन सदा निरोगी ही पाओगे,
डॉक्टर वैध के पास नहीं कभी जाना है।
योग को जीवन में सदा तुम्हे अपनाना है।

चूना लगे न फिटकरी रंग चोखा हो जाएं,
बिन पैसे खर्च किए शरीर चोखा हो जाएं।
योग ऐसी किर्या है इसे तुरंत अपना जाएं,
रोग कोसो दूर रहे डॉक्टर के पास न जाएं।
योग की महत्ता इससे अधिक नहीं बताना है।
योग को जीवन में तुम्हे सदा अपनाना है।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 319 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all

You may also like these posts

"Let us harness the power of unity, innovation, and compassi
Rahul Singh
विषय सूची
विषय सूची
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
इच्छा का सम्मान
इच्छा का सम्मान
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
3165.*पूर्णिका*
3165.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जय श्री राम
जय श्री राम
Neha
Reliable Movers and Packers in Hyderabad
Reliable Movers and Packers in Hyderabad
Shiftme
शब्द पिरामिड
शब्द पिरामिड
Rambali Mishra
हमारी माँ
हमारी माँ
Pushpa Tiwari
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कुंडलिया
कुंडलिया
seema sharma
**वो पागल  दीवाना हो गया**
**वो पागल दीवाना हो गया**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
gurudeenverma198
भौतिकवाद के निकम्मेपन से तेवरी का उद्भव +राजकुमार ‘निजात’
भौतिकवाद के निकम्मेपन से तेवरी का उद्भव +राजकुमार ‘निजात’
कवि रमेशराज
दानवीरता की मिशाल : नगरमाता बिन्नीबाई सोनकर
दानवीरता की मिशाल : नगरमाता बिन्नीबाई सोनकर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
'कांतिपति' की कुंडलियां
'कांतिपति' की कुंडलियां
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
ये किसकी लग गई नज़र
ये किसकी लग गई नज़र
Sarla Mehta
गर्मी की छुट्टियों का होमवर्क
गर्मी की छुट्टियों का होमवर्क
अमित
भर चुका मैल मन में बहुत
भर चुका मैल मन में बहुत
पूर्वार्थ
ये वक्त
ये वक्त
meenu yadav
ज़िंदगी की दौड़
ज़िंदगी की दौड़
Dr. Rajeev Jain
बतायें कौन-सा रस है ?
बतायें कौन-सा रस है ?
Laxmi Narayan Gupta
*जानो होता है टिकट, राजनीति का सार (कुंडलिया)*
*जानो होता है टिकट, राजनीति का सार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*दही खाने के 15 अद्भुत चमत्कारी अमृतमयी फायदे...*
*दही खाने के 15 अद्भुत चमत्कारी अमृतमयी फायदे...*
Rituraj shivem verma
एक दिया उम्मीदों का
एक दिया उम्मीदों का
Sonam Puneet Dubey
पकड़ लो भैया कुश घोड़ा
पकड़ लो भैया कुश घोड़ा
Baldev Chauhan
हम से भी ज्यादा हमारे है
हम से भी ज्यादा हमारे है
नूरफातिमा खातून नूरी
पीछे
पीछे
Ragini Kumari
परिवर्तन ही वर्तमान चिरंतन
परिवर्तन ही वर्तमान चिरंतन
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
दूसरे का चलता है...अपनों का ख़लता है
दूसरे का चलता है...अपनों का ख़लता है
Mamta Singh Devaa
अनुभूति
अनुभूति
डॉ.कुमार अनुभव
Loading...