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21 Jun 2022 · 2 min read

योग और भूखी भगदड़

योग और भूखी भगदड़
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योग दिवस पर विशेष…. प्रस्तुति
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कुछ दिनों से योग ही तो कर रहा हूँ!
बात बिन बात मैं दौड़ कर रहा हूँ!!
कभी आधार लिंक कराने
बैंक जाओ
कभी आधार लिंक कराने
डाक जाओ
कभी पेन कार्ड को भी लिंक कराओ
कभी राशन कार्ड को भी साथ लगाओ
कभी नोट बंदी में बदलो नोट को
कभी जी.एस.टी.को भी साथ जुडाओ
कभी गाडीयों के बदलवाओ नम्बर
जनवरी से ऐसे कटता है दिसम्बर
कोरोना ने भी जमकर दौडाया ……
हमसे ऐसा योग कराया
भूख ने लम्बा…….
चिल्ला खिचवाया
प्रशासन ने
डंडा …..बजवाया
अपनों की जुदाई ने……
जी भर रूलवाया
……. हाय ये कैसा योग कराया ??
मंहगाई ने रंग अपना दिखलाया
राशन डीलर ने राशन कटवाया
बेरोजगारी ने गारत कर दी इज़्ज़त
शमशानों को मिल रही थी लज्जत
कुछ बोले तो…..
सच बोले तो…… सजा मिले हैं
ऐसे हालातों में चेहरा कहाँ खिले हैं
और भी है किस्से …..
जिसने खूब रूलाया
एक रोटी – एक केला देकर दानवीरों ने फोटो खिचवाया
लम्बे समय से योग ऐसे कर रहे हैं
भूखे प्यासे भग दौड़ कर रहे हैं…….
भगते – भगते भैया इतना थक गए हैं
जिंदगी अपनी है पर पक गए हैं
भर्ती निकली…… गायब हो गई
पास परीक्षा….. उदासी ही रह गई
किस्से कहें मन की अभिलाषा
बदल गयी सब अब परिभाषा
नेता छप्पन भोग कर रहे
हम तो केवल योग कर रहे
शरीर में अपने रोग कर रहे
हम अपना ही शोक कर रहे
मेरी सुनलो इतनी…… “सागर”
काम हो कुछ भी…. तुम रिश्वत का भोग लगाओ
थका हूँ इतना…… मुझसे ना तुम योग कराओ
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जनकवि / बेखौफ शायर
डॉ. नरेश “सागर”
इंटरनेशनल साहित्य अकादमी अवार्ड से सम्मानित
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गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज
मो. 9149087291
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Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 512 Views

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