Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2024 · 1 min read

ये हक़ीक़त

एक कहानी सुनानी पड़ती है,
ये हक़ीक़त बतानी पड़ती है।
झूठ का दाम कुछ नहीं होता ।
सच की क़ीमत चुकानी पड़ती है।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
2 Likes · 157 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

आजकल गजब का खेल चल रहा है
आजकल गजब का खेल चल रहा है
Harminder Kaur
प्रगति पथ पर बढ़ते जाओ
प्रगति पथ पर बढ़ते जाओ
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
🙅आज का टोटका🙅
🙅आज का टोटका🙅
*प्रणय*
International Hindi Day
International Hindi Day
Tushar Jagawat
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
Phool gufran
बड़ा ही अजीब है
बड़ा ही अजीब है
Atul "Krishn"
पतंग*
पतंग*
Madhu Shah
तन्हाई को जश्न दे चुका,
तन्हाई को जश्न दे चुका,
goutam shaw
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
Mahender Singh
वो नाकामी के हजार बहाने गिनाते रहे
वो नाकामी के हजार बहाने गिनाते रहे
नूरफातिमा खातून नूरी
* कुपोषण*
* कुपोषण*
Vaishaligoel
?????
?????
शेखर सिंह
तक़दीर का क्या, कभी रूठी, कभी संभल गई
तक़दीर का क्या, कभी रूठी, कभी संभल गई
Shreedhar
"कलम की अभिलाषा"
Yogendra Chaturwedi
4143.💐 *पूर्णिका* 💐
4143.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
" दोषी "
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा स्वप्नलोक
मेरा स्वप्नलोक
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
बोझ बनकर जिए कैसे
बोझ बनकर जिए कैसे
Jyoti Roshni
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
क्यों हिंदू राष्ट्र
क्यों हिंदू राष्ट्र
Sanjay ' शून्य'
मन की गांठ
मन की गांठ
Sangeeta Beniwal
अजीब बैचैनी है मुझ में………
अजीब बैचैनी है मुझ में………
shabina. Naaz
क्या होगा लिखने
क्या होगा लिखने
Suryakant Dwivedi
यूँ तो बिखरे हैं
यूँ तो बिखरे हैं
हिमांशु Kulshrestha
जालोर के वीर वीरमदेव
जालोर के वीर वीरमदेव
Shankar N aanjna
മറന്നിടാം പിണക്കവും
മറന്നിടാം പിണക്കവും
Heera S
*खुद को  खुदा  समझते लोग हैँ*
*खुद को खुदा समझते लोग हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सफलता
सफलता
Vandna Thakur
ग़ज़ल _ लगी सदियां वफ़ा के ,मोतियों को यूं पिरोने में ,
ग़ज़ल _ लगी सदियां वफ़ा के ,मोतियों को यूं पिरोने में ,
Neelofar Khan
दोहा सप्तक. . . . शिक्षा
दोहा सप्तक. . . . शिक्षा
sushil sarna
Loading...