ये संकट का पल है टल जाएगा
मिटाकर स्याह तिमिर, देखना नया कल आएगा,
कोरोना रूपी दानव, सूर्य के ताप से जल जाएगा।
अपने हृदय को विह्वल ना कर, तू धीरज तो रख,
ग़म ना कर तू, ये संकट का पल है टल जाएगा।
व्यर्थ ना निकल घर से, सामाजिक दूरियाँ बनाओ,
बार बार साबुन से, अपने हाँथों को धोते जाओ।
नज़र अंदाज़ किया तो, ये कोरोना निगल जाएगा,
ग़म ना कर तू, ये संकट का पल है टल जाएगा।
नंगे हाँथों से कुछ छूने पर, प्रक्षालक जरुर लगाना,
भीड़ भाड़ वाले जगहों पर, सतर्क हो कदम बढ़ाना।
सुरक्षा नियमों का पालन ही, तुम्हारी जान बचायेगा,
ग़म ना कर तू, ये संकट का पल है टल जाएगा।
किसी के बहकावे में ना आना, संयम से काम लेना,
गर कभी घबराये मन तो, तुम ईश्वर का नाम लेना।
इस भयंकर त्रासदी से, ईश्वर जरुर तुम्हें बचायेगा,
ग़म ना कर तू, ये संकट का पल है टल जाएगा।
तुम योग्य हो टीके के, तो टीके अवश्य लगवाओ,
घर से बाहर ना निकलो, गर जरुरी हो तभी जाओ।
बस थोड़ी सी सावधानी ही, महामारी से बचायेगा,
ग़म ना कर तू, ये संकट का पल है टल जाएगा।
? मधुकर ?
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अनिल प्रसाद सिन्हा ‘मधुकर’