ये मेरा देश
ये मेरा देश
जहां पूरे वर्ष त्योहार मनाए जाते हैं।
जहां हर दिन होली जलती हो और
हर रात दीपक जलाए जाते हैं।।
जहां की माटी भी सावन में भीग कर
सोंधी सोंधी महक बिखेरती हो।
जहां की हवा में भिन्न भिन्न फूलों की
मिली जुली खुशबू गमकती हो।।
जहां नदियों के संगम पर
हर रोज़ मेले लगते हों।
जहाँ चटकारे वाली चाट के
सड़क किनारे ठेले लगते हों।।
जहां भाई बहन का पावन रिश्ता
कच्चे धागों का मोहताज नही।
जहां गली मोहल्लों में प्यार बंटता
छुपा किसी से कोई राज़ नही।।
जहां इंसानों में इंसानियत बसती हो
मैं ऐसे देश का वासी हूँ।
माटी का तिलक धार मस्तक पर
गर्व से कहता हूँ मैं भारतवासी हूँ।।
वीर कुमार जैन
17 सितंबर 2021