ये नागिन सी जहरीली लहरें
यह कैसी लहरें जो आफत बनकर सामने आई है ,
इंसानों की जिंदगी में मौत का पैगाम लेकर आई है।
एक ओर से तो सागर की लहरों ने तबाही मचाए है,
और दूसरी ओर से करोना की लहरें चढ़ आई है ।
क्या करें कहां जाएं कैसे इससे जान हम बचाए ,
एक तरफ कुंआ और दूसरी और गहरी खाई है।
कितनी ही जिंदगियां खा चुकी है जहरीली नागिन ,
और कितनों को अपना निवाला बनाने आई है ?
देश की अर्थव्यवस्था भी हिला कर रख दी इन्होंने ,
क्या देशवासियों को बरबाद करने की कसम खाई है ?
आनंद और खुशी की लहरों में डूबते आए अब तक ,
मौत के सागर में डुबोने वाली यह कैसी लहरें आई है ?
एक को तो चीन ने भेजा अपनी दुश्मनी निकालने को ,
मगर जाने क्यों सागर की लहरों ने आफत मचाई है ।
सागर पर खड़े होकर कभी लहरें गिनना सुहाता था,
भूल नहीं सकते इसकी ठंडक मन को कितनी भाई है।
प्रेम ,स्नेह ,ममता,करुणा की लहरें उठी जब कभी उठी,
हमारे जीवन को संगीतमय सदा यह करती आई है ।
मगर यह कोई साधारण लहरें नहीं जहरीली नागिन है ,
जो मौत बांटने के साथ रिश्तों में भी जहर घोलने आई है ।
ए खुदा ! हमें बचाओ इन खौफनाक जहरीली नागिन से ,
“अनु” ने घबराकर तेरे दर पर आज फरियाद की है ।