ये देशद्रोही कौन हैं !
अभि कल तक जो देशद्रोह फैलाते
मानवता पर गौण हैं,
सेना को अपमानित करी,लोगों को कटवाया
वर्षों से गोवध करने वाले आज मौन हैं;
पहचान ! भारत ये कौन हैं |
शांत लहर में कहर बरसाते,
अन्नदाताओं को व्यर्थ उकसाते,
कभी आत्महत्या करवाते
गोलियों से वेधने वाले मौन हैं ;
पहचान लो लोगों ये कौन हैं |
हमारे रक्षक सेना, खेतों में किसान,
कष्ट सहते बहुत, कितने महान
जीवनी शक्ति यही, इनसे राष्ट्र का सम्मान,
तपस्वियों का देश आज रो रहा हिन्दुस्तान|
गो हत्या का कलंक दबाने हेतु,
देश में अशांति लाने वाले मौन हैं ;
पहचान लो लोगों ये कौन हैं |
विभाजन इनके नाम रही
राष्ट्र का कहाँ सम्मान रही ?
आतंक को बढा- चढा
संस्कृति तोड, भगवा आतंक कहने वाले मौन हैं,
समझ लो लोगों, देशद्रोही ये कौन हैं |
कट जाती लक्ष गायें हर सूर्यास्त के समय तक,
सहस्त्रों धर्मांतरण होता हर प्रति दिवस,
कंटकाकीर्ण पीडा वृहद को सोचे ये ह्रदय तक,
पूर्व-पश्चिम से उत्तर-दक्षिण तक,
संस्कृति तोडने वाले मौन हैं ;
पहचान लो लोगों ये कौन हैं|
राजनीति में बहुत ये अंधे हैं
कायरता के कलुषित धंधे हैं,
सत्ता जब हाथ से चली गयी;
शत्रु से घुल मिल गये,
राष्ट्र-धर्म की जब बात चली,
आतंकी को आतंकी कहना अब भूल गये,
देशद्रोही यही, कैसा सत्य पर आज भी मौन हैं !
पहचान लो लोगों ये कौन हैं !
अखंड भारत अमर रहे
जय हिन्द !
वन्दे मातरम्
©
कवि आलोक पाण्डेय