Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Apr 2020 · 1 min read

ये दुनिया

ये दुनिया भी एक दरिया है
किनारे सुख और दुख के हैं
जरूरत सुख और दुख की उतनी ही
जितनी दरिया को किनारों की
किनारा ढह तो सकता है
किनारा मिट नहीं सकता
गर किनारा मिट गया तो
दरिया, दरिया रह नहीं सकती
बिना दुख के गर्
खुशी का भंडार मिल जाए
फिर कहो कैसे कोई खुशी का
इजहार कर पाए
खुशी हंसती हंसाती है
तो दुख रोता रुलाता है
बढ़ा चल नेक राहों पर
ये तो चलता चलाता है

10 Likes · 4 Comments · 534 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
इन रेत के टुकडों से तुम दिल बना ना पाये।
इन रेत के टुकडों से तुम दिल बना ना पाये।
Phool gufran
अर्ज किया है
अर्ज किया है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
3432⚘ *पूर्णिका* ⚘
3432⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मन्नतों के धागे होते है बेटे
मन्नतों के धागे होते है बेटे
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
तेरे सुर्ख़ हाथों को देख
तेरे सुर्ख़ हाथों को देख
Anand Kumar
Peace peace
Peace peace
Poonam Sharma
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
निंदिया रोज़ मुझसे मिलने आती है,
निंदिया रोज़ मुझसे मिलने आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कब तक बरसेंगी लाठियां
कब तक बरसेंगी लाठियां
Shekhar Chandra Mitra
थोड़ी थोड़ी शायर सी
थोड़ी थोड़ी शायर सी
©️ दामिनी नारायण सिंह
■ आज का मुक्तक ■
■ आज का मुक्तक ■
*प्रणय प्रभात*
क्या लिखते हो ?
क्या लिखते हो ?
Atul "Krishn"
"अहंकार का सूरज"
Dr. Kishan tandon kranti
ना जाने कैसी मोहब्बत कर बैठे है?
ना जाने कैसी मोहब्बत कर बैठे है?
Kanchan Alok Malu
जिंदगी
जिंदगी
Sangeeta Beniwal
*फूलों सा एक शहर हो*
*फूलों सा एक शहर हो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* सुखम् दुखम *
* सुखम् दुखम *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
उम्मीद
उम्मीद
शेखर सिंह
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
Rituraj shivem verma
ईश्वर
ईश्वर
Neeraj Agarwal
हिंदी भाषा में प्यार है
हिंदी भाषा में प्यार है
Sonam Puneet Dubey
तुम्हारा मेरा रिश्ता....
तुम्हारा मेरा रिश्ता....
पूर्वार्थ
आतिश पसन्द लोग
आतिश पसन्द लोग
Shivkumar Bilagrami
हर शख्स तन्हा
हर शख्स तन्हा
Surinder blackpen
जीवन रूपी बाग में ,सत्कर्मों के बीज।
जीवन रूपी बाग में ,सत्कर्मों के बीज।
Anamika Tiwari 'annpurna '
*भोगों में जीवन बीत गया, सोचो क्या खोया-पाया है (राधेश्यामी
*भोगों में जीवन बीत गया, सोचो क्या खोया-पाया है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के,
रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के,
ओसमणी साहू 'ओश'
आप जब खुद को
आप जब खुद को
Dr fauzia Naseem shad
बड़ा भोला बड़ा सज्जन हूँ दीवाना मगर ऐसा
बड़ा भोला बड़ा सज्जन हूँ दीवाना मगर ऐसा
आर.एस. 'प्रीतम'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...