ये दुनिया है
ये दुनिया है…
दूना कर देती है
जो भी करोगें उसे…
दूना कर देती है
हॅसोगे तो हॅसेगी,रोओगे तो…
सूना कर देती है
खुश रहे तो खुशीयों को…
दूना कर देती है
दुखी रहे तो दिल जला…
भूना कर देती है
ये दुनिया है…
दूना कर देती है
भलाई करोगें तो भला
बुराई करोगें तो बुरा
दोनों का हिसाब ये…
सौ गुना कर देती है
ये दुनिया है…
दूना कर देती है
तू दुखी रहेगा तो…
तेरी पीठ में रखी दुनिया
तुझे बहुत भारी लगेगी
तू खुश रहेगा तो…
ये दुनिया पीठ में बैठे
बच्चे की सवारी लगेगी
तेरी रंगीले व काले कामों मेंं…
चूना कर देती है
ये दुनिया है…
दूना कर देती है
जो भी करोगें…
दूना कर देती है
~०~
मौलिक एवं स्वरचित: रचना संख्या-१२
जीवनसवारो,मई २०२३.