ये दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना
दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना।
कुछ समझता नही अब तुम्हारे बिना।।
जब से दिल पर पड़ी तेरी परछाइयां।
दिल मचलता नही अब तुम्हारे बिना।।
मेरे हाथो से ये दिल निकलने लगा।
जोर चलता नही अब तुम्हारे बिना।।
रात कट जाती हैं आंखो आंखो में।
दिन ढलता नही अब तुम्हारे बिना।।
ये दिल भाग रहा है पता नही कहां।
ये संभलता नही अब तुम्हारे बिना।।
रस्तोगी कहता है ये कुछ आगे बढ़े।
ये दिल बढ़ता नही अब तुम्हारे बिना
आर के रस्तोगी गुरुग्राम