ये तेरी ख़ामोश नजरें
प्रारम्भिक बोल
ख़ामोश नजरें …..
ख़ामोश मुस्कान
लगता है आपका …
दिल
कहीं खो गया है ।।
ये तेरी ख़ामोश नजरें दिल- चुरा रही है
तूं यूं जो मन्द- मन्द दिल-मुस्कुरा रही है
होटो पे है हंसी दिल कुलबुला रही है
बुलबुल दिल-दिल – कशमशा रही है
मौन इशारों से क्यूं मुझको बुला रही है
है इज़हार-आँखों दिल को सत्ता रही है
ये तेरी ख़ामोश नजरें दिल – चुरा रही है
तूं यूं जो मन्द- मन्द दिल-मुस्कुरा रही है
ख़ामोश मुस्कान है ग़ायब चहचाहट है
मनचली है फिर भी मन ललचा रही है
खो गया दिल जो प्रेम उदघोष है वो
अब तो मौन तोड़ो बोलो कौन है वो
जिसे दिल दिया है बोलो कौन है वो
बोलो बोलो ना , बोलो कौन है वो.s
ये तेरी ख़ामोश नजरें दिल- चुरा रही है
तूं यूं जो मन्द- मन्द दिल-मुस्कुरा रही है
दिल खो गया या किसी का हो गया है
बोलो बोलो बोलो ना , प्यार हो गया है
दिल किसी का दिल किसी का हो गया
अब ख्वाबों-ख्वाबों में उसी का हो गया
सो गया सो गया अब दिल सो गया
हो गया अब दिल किसी का हो गया
ये तेरी ख़ामोश नजरें दिल – चुरा रही है
तूं यूं जो मन्द- मन्द दिल-मुस्कुरा रही है ।।
मधुप बैरागी