*ये झरने (मुक्तक)*
ये झरने (मुक्तक)
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ये झरने गीत गाते हैं, सुनो संगीत पानी का
ये कुछ तुमको सुनाते हैं, लो रस इनकी कहानी का
बिखरकर यह हवाओं में, जो जादू कर रहे पैदा
करिश्मा है ये कुदरत का किसी की मेहरबानी का
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रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451