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29 Jul 2022 · 1 min read

*ये झरने (मुक्तक)*

ये झरने (मुक्तक)
_________________________
ये झरने गीत गाते हैं, सुनो संगीत पानी का
ये कुछ तुमको सुनाते हैं, लो रस इनकी कहानी का
बिखरकर यह हवाओं में, जो जादू कर रहे पैदा
करिश्मा है ये कुदरत का किसी की मेहरबानी का
_________________________
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
101 Views
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