ये जीवन है अनमोल
समझ आता ही नहीं किस चीज की जरुरत है इंसान को,
बिना मतलब की चीज़ खरीदने के लिए बेच आता है ईमान को,
कोशिश क्यों नहीं करता है अपने दिल को बहलाने की,
ज़िद ठान लेता है जाने क्यों चाँद सितारे तोड़ लाने की,
अक्सर प्रेमियों को कहते सुना है अपने हमसफ़र से,
जाना तुम्हारे लिए तो मेरी जान भी हाज़िर है,
मगर कमबख्त जानते नहीं इस जान को इंसान,
बनाकर दुनिया में लाने के लिए माता पिता भी शामिल है,
अपनी जिंदगी को इतने सस्ते में और हर किसी के लिए मत गवाओ,
जीवन है अनमोल तुम्हारा इसे हमेशा अच्छे कामों में लगाओ,
इंसान वही है जो सदैव दूसरों के काम आता है,
वरना खाकर पीकर तो जानवर भी आराम फरमाता है,RASHMI SHUKLA