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2 Dec 2024 · 1 min read

ये ज़ीस्त अकेले ही तो हमने है गुज़ारी

ये ज़ीस्त अकेले ही तो हमने है गुज़ारी
किस्मत में किसी और के थी राजकुमारी

तस्वीर-ए-तसव्वुर दिल-ए-नादाँ ने बनाई
हासिल करें उसको न थी औक़ात हमारी

मेहनत में कमी हमने ज़रा भी नहीं बर्ती
तक़दीर से हारी हुई थी ज़ीस्त बेचारी

ऐ मौत अगर मारना है मार दे जल्दी
आदत नहीं हमको कि रखे कोई उधारी

– जॉनी अहमद ‘क़ैस’

Language: Hindi
62 Views

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