…… ये जवानी कुछ नहीं !
ये जवानी कुछ नहीं,,,,, ¡
// दिनेश एल० “जैहिंद”
ये जिंदगी चार दिनों की जिंदगानी कुछ नहीं ।
हमारी जिंदगी में है सादगी कहानी कुछ नहीं ।।
ये तुम्हारी जिंदगी अल्लाह की नेमत भर है,,
है ये चाय जो दूध कम अधिक पानी कुछ नहीं ।।
तुम करते हो जिस पर नाज ओ नखरे ये यारो,,
पल में धूल में मिल जानी ये जवानी कुछ नहीं ।।
यहाँ रब की मर्जी के सब गुलाम आजाद कौन,,
है ये तेरी फितूर भर तेरी मनमानी कुछ नहीं ।।
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दिनेश एल० “जैहिंद”
27. 06. 2017