ये जग तुमको नवनीत करे
सौदा हर तुम करना सीखो,दिल में यार उतरना सीखो।
वादों पर ही चलना सीखो,व्यवहार खरा दिल जीत करे।।
आँखें मिल जाएँ बात बड़ी,
विश्वास रहे सौग़ात बड़ी,
छल आत्मा से न भुला जाए,
कोशिश करो दिन-रात बड़ी,
संग समय के चलना सीखो,हाथ न रोकर मलना सीखो।
हर परिस्थिति बदलना सीखो,हर कोई तुमसे प्रीत करे।।
वादों पर ही चलना सीखो,व्यवहार खरा दिल जीत करे।।
साथ रहो तुम सहयोग करो,
ख़ुशियों का प्रतिपल भोग करो,
नभ के तारे छू सकते हो,
अनुशासन का उपयोग करो,
फूलों-सा हँस खिलना सीखो,पवनों-सा तुम चलना सीखो।
कष्टों को तुम दलना सीखो,हर मौसम तुमको मीत करे।।
वादों पर ही चलना सीखो,व्यवहार खरा दिल जीत करे।।
सावन तो आशा लाता है,
धरती की प्यास बुझाता है,
मन को जिसने है जीत लिया,
खुद ही ताक़त बन जाता है,
सोच नयी में ढ़लना सीखो,ख़ुशबू-सरिस बिखरना सीखों।
तम को जीत चमकना सीखो,ये जग तुमको नवनीत करे।।
–आर.एस.प्रीतम
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