ये कौन लोग है
ये कौन लोग है ,
जिनमें इंसानियत ना रही ।
जिसे अच्छे – बुरे की पहचाना ना रहीं ।
अधर्म को धर्म अपना बताते , करके गुनाह खुद को इंसान जताते ।
ये कौन लोग है ……।
देश में रहकर देश द्रोह ये करते ,
हर जगह दंगा ये करते ।
इंसानों के भेष में रहकर जानवरो सा काम ये करते ।
ये कौन लोग है …..।
इनका मजहब क्या पहचान क्या , कैसे दिखते है , और इनका उद्देश्य है क्या ।
आतंकवाद है ये करते और करते है
दंगे ओर जिहाद यहां ।
कैसे कह दु इंसान इन्हें, रहती जिसमें नफरत सदा ।
ये कौन लोग है ……।
बेकसूरों की ये हत्या करके खुद को बलवान समझते है । देश में रहकर देश से गद्दारी हम कैसे यह सह सकते है ।
देश प्रेम इन्हें नहीं आता , प्यार से रहना इन्हे नहीं भाता , तो क्यू रहते है ये यहां ।
ये कौन लोग है …।