ये कैसी विकास है साहेब
*ये कैसी विकास है साहेब*

मशीनों का दौर बढ़ने में,
युवा का रोजगार कम हो रहा है।
ये कैसी विकास है साहेब,,,,,
गरीब पलायन होने में,
शहरों में दर-दर भटक रहा है।
ये कैसी विकास है साहेब,,,,,
नीरव मोदी विजय माल्या विदेशों में,
जनता बैंक में पैसा ढूंढ रहा है।
ये कैसी विकास है साहेब,,,,,
डीजल पेट्रोल की महंगाई में,
आम जनता कंगाल हो रहा है।
ये कैसी विकास है साहेब,,,,,
धान गेहूं उत्पादन होने में,
किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहा है।
ये कैसी विकास है साहेब,,,,,
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रचनाकार कवि डीजेन्द्र क़ुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना,बिलाईगढ़,बलौदाबाजार (छ.ग.)
मो 8120587822