ये कैसी आज़ादी
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ तो हमने बेटी पढ़ाई
पर वो बेटी है लड़की ये बात समझा ना पाई
समझा न पाई कि…
बाँध कर रखना छाती को दुपट्टे से कस कर
ढीले कुर्ते में छुपाना जो उभरी जवानी उकस कर
न बातें करना मर्दों से कभी भी हंस हंस कर
जाने कब निकल जाएँगे वो डस कर
समझा न पाई कि…
छू लेगा अंगों को कोई भी आते जाते मौक़ा पाते
सब देखेंगे पर मुँह न खोलेंगे वे आवाज कहाँ उठाते
वो बोलेंगे पर पहले तुमको तिल तिल मरना होगा
आँख मुँह योनी से खून निकले तब सड़कों पर धरना होगा
समझा न पाई कि…
मर कर भी यहाँ कहाँ इंसाफ़ मिलता है
निर्भया1 के बाद निर्भया 2 का सीजन चलता है
साइको,सुइसाइड नित नया एपिसोड निकलता है
बस माँ बाप का कलेजा छलनी छलनी होता है
७८ साल की ये कैसी आज़ादी मना रहें हैं हम
रेप करने वाले को ही आज़ाद करा रहें हैं हम
#rgkarincident