ये कैसा बेटी बाप का रिश्ता है?
यूं अपना होकर क्यों पराया है।
ये कैसा बेटी बाप का रिश्ता है।।1।।
फंख है आए मेरे आंगन में ही।
यहीं से उस ने उड़ना सीखा है।।2।।
खुला आसमां दिया है उसको।
अच्छे पिताका फर्ज निभाना है।।3।।
देखने को उसको नैना तरसेंगें।
एक दिन दूर उसे उड़ जाना है।।4।।
सोचकर ही अश्क आ जाते है।
फिर भी दिल को समझाना है।।5।।
अभी तो छोटी सी गुड़िया थी।
उसको भी जल्दी बढ़ जाना है।।6।।
बिटिया मेरी सदा सलामत रहे।
बस यही देख कर मर जाना है।।7।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ