ये कलम !
ये कलम ! हरदम कुछ कहती हैं ..
हाथ में आने पर
लिखने को मचलती है l
भावों के मनको को
कागज़ पर उकेरती है
ये कलम ! कुछ ….
इसकी ताकत का लोहा
है सबने माना
जब जब ये चली
नेता तो क्या राजाओं तक का
सिहांसन हैं डोला
ये कलम ! कुछ …..
कितने ही किस्से , कहानियाँ को
सजीव ये कर देती हैं
जब भी चलती है
कुछ नया लिख देती हैं
ये कलम ! कुछ …
सात सुरों को ,
संगीत में पीरों देती हैं
और अनजान से चेहरे को भी
परिचित -सा बना देती है
ये कलम ! कुछ ….कहती है l
Meenu yadav