ये अल्लाह मुझे पता नहीं
ये अल्लाह मुझे पता नहीं
दिखता तू कैसा है
लेकिन लगता है कुछ ऐसे भी
जरूर तू मेरे ईश्र्वर जैसा है
देखा नहीं हैं मैंने तुमको
कभी दरबार तेरा चढा़ नहीं
लेती हूं नाम तेरा भी, पर
दुआ मांगना तो सीखा नहीं
मराठी बोलना तो सीखा है
पर हिन्दी जादा आती नहीं
आऊंगी जब भी सामने तेरे
नज़र मुझपर से हटाना नहीं
ईश्र्वर है तू एक ही
पर सूरत तेरी हजारों
भगवान से लेकर अल्लाह तक
है नाम तेरे लाखों