ये अच्छी बात है
यह अच्छी बात है
शहरों के मुकाबले
गाँव की एक अच्छी बात है ।
कि यहाँ लोग जल्दी सो जाते हैं,
जल्दी खाना खा लेते हैं,
चैन से साफ आसमान में
तारों को भी गिन लेते हैं ।
कभी रातों में, ठण्डी हवाओं में
कुछ बुजुर्ग, कुछ जवान
और कुछ नन्हे कदम,
मन-बे-मन
यहाँ-वहाँ बस निकल पड़ते हैं ।
कुछ टहलने के लिए, कुछ खेलने के लिए
कुछ छुप-छुपाकर कस लेने के लिए
तो कुछ प्रीत युगल
जुगनुओं के साथ चमकने के लिए ।
कभी एक-दुसरे के आगंन में
एक जन से दुसरे जन की,
पल्लुओं के नीचे-नीचे
ये चुगली करते नहीं थकते हैं ।
और सुनसान सड़कों पर
नींद से भरी गलीयों में
छछुंदरों की करती चीं-चीं आवाज़
रात भर गुंजती रहती है
जैसे कि वह कोई संगीत हो ।
जिसके बिना यहाँ रात, रात नहीं होती ।
गाँव की शहरों के मुकाबले
यह अच्छी बात है ।