{{ यू नाश न कर }}
कहा हमे दिल लगाना आता है
मेरे घर के रास्ते मे उसका घर आता है
एक नज़र देख ले वो बस
सौ दफा कोई काम निकल आता है
दिल की बात जाने क्यों नही कहता
प्यार से कभी मुझे दिलरुबा नही कहता
तेरे कैद से न मिले रिहाई मुझे
इस बेरुखी को दिल सज़ा नही कहता
तेरे बिना क्या रहेगा और बाकी
कैसे कटेगी तेरे बिना ये ज़िन्दगी बाकी
गुनाहगार हूँ तो भी रुसवा न कर मुझे
हर जवाब सुन ले न रहे कोई सवाल बाकी
मुझे अपने प्रेम की स्वीकीर्ति दे दो
दिल मे छुपी कस्तूरी दे दो
तुममें मिल कर हो जाएं मुक्कमल
हमारे रिस्ते को वो मंजूरी दे दो
जाने कब पूरी होगी दुआ हमारी
ज़िन्दगी सफ़र सी हो गई हमारी
बिछड़ने से पहले मिल लो हमसे
बसती है तेरी तस्वीर आखों में हमारी
अपने सीने में दर्द सा छुपता है मुझे
ज़माने से छुपकर अपना बनाता है मुझे
जिसके सामने दिल बच्चे सा हो जाए
इस कदर दुलार दिखता है मुझे
मेहबूब को अपने यू तड़पाया न कर
भरी महफ़िल में मुझे बुलाया न कर
तुझमे ही रंगा है वज़ूद मेरा
यू मेरे दामन पे दाग लगाया न कर
गैर क्या कोई अपना भी नही है
मौत ही सच्ची,ज़िन्दगी पे यक़ी नही है
जब से गया है वो शहर से
सूरज उगता नही चाँद डूबता नही है
फरेबी दुनिया मे न कोई याराने है
पुरानी यादें अब सिर्फ अफसाने है
न वफ़ा न उम्मीद है कोई
दिल बस्ती में सिर्फ वीराने है
वफ़ा की राह में बहुत ठोकर खाए है
अपने सपनो को हम खुद जलाए है
हादसे इतने हुए ज़िन्दगी में हमारे
अपनो से ही सारे ज़ख्म खाए है
मोहब्बत की तू तलाश न कर
दिल को हर दम निराश न कर
जो छोड़ गया वो अपना न था
ज़िन्दगी को अपने तू यू नाश न कर