Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Mar 2022 · 2 min read

यूक्रेन रूस युद्ध भारत को सीख

रूस और यूक्रेन युद्ध से सीख

यूक्रेन-रूस जहां जंग चल रही है, कभी सोवियत रूस का हिस्सा था, वहां रहने वाले लोग भी एक ही संस्कृति-धर्म को मानने वाले हैं। अमेरिकी दखलंदाजी ने सोवियत रूस को तोड़ दिया एवं वहां बाहरी लोग भी रहने आ गए, जो रूस विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं, नाटो के समर्थक हैं।
रूस अपनी सीमाओं पर बाहरी दबाव नहीं चाहता, अपनी अस्मिता अपना खोया हुआ भूभाग बचाना चाहता है। नाटो में यूक्रेन के शामिल होने से रूस स्वयं को असुरक्षित महसूस करता है, यही जंग का कारण है।
रूस एवं यूक्रेन-बेलारूस के निवासी एक ही संस्कृति धर्म भाषा आदि के लोग हैं, लेकिन अपने ही भाई याने रूस से दुश्मनी एवं यूरोपीय देशों नाटो से प्रेम ? परिणाम जंग याने भाईयों की बर्बादी, यूरोपीय देश उकसाने का काम कर रहे हैं, लेकिन वांछित मदद नहीं कर रहे,उनका हथियार बेचने का धंधा अच्छा चल रहा है, दुनिया कमजोर हो और हमारी दादा गिरी चलती रहे,तो असली विलन कौंन?
कई मायनों में भारत को खास कर रक्षा मामलों, हथियार, ऊर्जा, आर्थिक मामलों इत्यादि में आत्मनिर्भरता से जीना सीखना होगा। किसी भी तरह की आकस्मिक परिस्थितियों से निपटने सक्षम एवं मजबूत रहना होगा।
आखिर में कभी परेशान होकर, जो हमारा ही भूभाग है, जहां से हम दशकों से आतंकी गतिविधियां झेल रहे हैं? एक तरफ जबतब एक पड़ोसी हमारे भूभाग को हथियाने की कोशिश में सीमा पर तनाव करता रहता है,कब हमें भी जंग करनी पड़ जाए?
तब हमें भी शायद जो रूस अपनी अस्मिता के लिए लड रहा है, लोग उसे विलन बता रहे हैं? हो सकता है जब हम अपनी अस्मिता की लड़ाई लड़ें, तब हमें भी विलन बताया जाए। हमारे ऊपर भी तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए जाएं, स्वार्थ के हिसाब से गुटबाजी चलें, कुछ कहा नहीं जा सकता, दुनिया अपने अपने हित के हिसाब से चलती है,सच क्या है, इससे किसी को सरोकार नहीं।
कुछ भी हो, हमें हर मोर्चे पर तैयार रहना होगा, यही समय की मांग है।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 177 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all

You may also like these posts

सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ
सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ
Manisha Manjari
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
नर्गिस
नर्गिस
आशा शैली
बरस  पाँच  सौ  तक रखी,
बरस पाँच सौ तक रखी,
Neelam Sharma
रिश्तों के
रिश्तों के
Dr fauzia Naseem shad
‌‌भक्ति में शक्ति
‌‌भक्ति में शक्ति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बदल कर टोपियां अपनी, कहीं भी पहुंच जाते हैं।
बदल कर टोपियां अपनी, कहीं भी पहुंच जाते हैं।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
राम : लघुकथा
राम : लघुकथा
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
My heart skipped a beat
My heart skipped a beat
Chitra Bisht
दिल की बात बताऊँ कैसे
दिल की बात बताऊँ कैसे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अभी तो रास्ता शुरू हुआ है।
अभी तो रास्ता शुरू हुआ है।
Ujjwal kumar
घुटन
घुटन
शिवम राव मणि
आनन ग्रंथ (फेसबुक)
आनन ग्रंथ (फेसबुक)
Indu Singh
4268.💐 *पूर्णिका* 💐
4268.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
सर्दी और चाय का रिश्ता है पुराना,
सर्दी और चाय का रिश्ता है पुराना,
Shutisha Rajput
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
एहसास
एहसास
Kanchan Khanna
जनता
जनता
Sanjay ' शून्य'
" मौन "
Dr. Kishan tandon kranti
*।। मित्रता और सुदामा की दरिद्रता।।*
*।। मित्रता और सुदामा की दरिद्रता।।*
Radhakishan R. Mundhra
स्मृति
स्मृति
Neeraj Agarwal
अब दिल्ली में कौन सी दीवाली मन रही है जो लोगों का दम और हवा
अब दिल्ली में कौन सी दीवाली मन रही है जो लोगों का दम और हवा
*प्रणय*
अपनी राह
अपनी राह
Ankit Kumar Panchal
- मेरे ख्वाबों की मल्लिका -
- मेरे ख्वाबों की मल्लिका -
bharat gehlot
तेरे मेरे रिश्ते
तेरे मेरे रिश्ते
Sudhir srivastava
दोहे - डी के निवातिया
दोहे - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
अब कहने को कुछ नहीं,
अब कहने को कुछ नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सिर्फ वही इंसान शिक्षित है, जिसने सीखना और परिस्थितियों के अ
सिर्फ वही इंसान शिक्षित है, जिसने सीखना और परिस्थितियों के अ
इशरत हिदायत ख़ान
नफ़रतों का दौर कैसा चल गया
नफ़रतों का दौर कैसा चल गया
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
Loading...