यूं हुनर को पहचान लें।
यूं हुनर को पहचान ले सभी में कहां ऐसी नज़र होती है।
हीरी को जानने की खातिर जौहरी की जरूरत होती है।।1।।
यूं तो हर सभी सच्चे आशिकों में रुह ए मोहब्ब्त होती है।
गर चोट लगे किसी एक को तो दूसरे पर असर होती है।।2।।
जब दवा से शिफा ना मिले तो दुआ की जरूरत होती है।
इसीलिए सारे जहान में मां की बेलौस मोहब्ब्त होती है।।3।।
अमाल ए हिसाब से हर किसीके हिस्से में जन्नत होती है।
गुनाहों वाली सभी की ज़िंदगी मैदान ए महशर रोती है।।4।।
आ जाएं अगर मौत तो किस काम की ये दौलत होती है।
क्योंकि बाजारों में सांसों की कहां पर तिजारत होती है।।5।।
खुदा को पसंद ना किसी की दिखावे की इबादत होती है।
किस्मत वाले होते है वह जिनको रसूले बशारत होती हैं।।6।
ताज मोहम्मद
लखनऊ