यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
गज़ल
221/2121/1221/212
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
हाथों में हाथ हों न हों पर दिल मिला रहे।1
गुलशन की रंग-ओ-खशबू बिखरती रहे सदा,
हर फूल डाली पर यूं ही हरदम खिला रहे।2
उसकी नज़र में एक है दुनियां की सरजमीं,
कोई प्रदेश देश या कोई जिला रहे।3
कितनी भी कोशिशें करें शिकवा कोई न हो,
मुमकिन है फिर भी आपको मुझसे गिला रहे।4
रोके न रोक पाया है कोई भी इश्क को,
प्रेमी अभेद्य चाहे कोई भी किला रहे।5
………✍️ सत्य कुमार प्रेमी