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26 Aug 2024 · 1 min read

यूं तो गुल-ए-गुलशन में सभी,

यूं तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
लगाते हैं ठहाके ।
पर कांटों के बीच मुस्कुराना ,
एक औऱ बात है ।।

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