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16 Sep 2024 · 1 min read

यूं तन्हाइयों को अपने अंदर समेटे रक्खा है मैंने,

यूं तन्हाइयों को अपने अंदर समेटे रक्खा है मैंने,
देखकर कौन कहेगा कि मैं अब भी इतना तन्हा हूं
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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