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10 Nov 2024 · 1 min read

यूँ ही

यूँ ही
हर किसी के लिए
नहीं तड़पते हम,
बावजूद तुम्हारी बेरुखी के
तुम वाहिद एक शख्स हो
जिससे बेइंतहा मोहब्बत है मुझे

हिमांशु Kulshrestha

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