Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2024 · 1 min read

यूँ ही आना जाना है,

यूँ ही आना जाना है,
दुनिया एक झमेला है।

सुख दुख जीवन के पहलू,
धूप कहीं, कहीं छाया है।

खलिहानों में उम्र गई,
कहते लोग निठल्ला है।

कारिस्तानी बेटे की,
बाप खड़ा शर्मिंदा है।

दो दो हाथ करूं कैसे..?
सिक्का मेरा खोटा है।

ताड़ रहा था, जेल हुई,
पर बेचारा अंधा है।

आज़ादी की कीमत क्या,
लथपथ देख तिरंगा है।

नेता जी का याराना,
चोर, पुलिस, घोटाला है।

जो जितने शफ़्फ़ाफ़ दिखें,
मन उतना ही काला है।

लायक कौन भरोसे के,
हर चहरे पर पर्दा है।

देख मुझे तुम हंसते हो,
हंस लो वक़्त तुम्हारा है।

रिश्ते नाते क्या जाने,
बेघर एक “परिंदा” है।

30 Views

You may also like these posts

मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
परछाई (कविता)
परछाई (कविता)
Indu Singh
ज़ब्त  की जिसमें हद नहीं होती
ज़ब्त की जिसमें हद नहीं होती
Dr fauzia Naseem shad
पर्यावरण संरक्षण
पर्यावरण संरक्षण
Pratibha Pandey
दोहा
दोहा
seema sharma
दुश्मन कहां है?
दुश्मन कहां है?
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
फकीरा मन
फकीरा मन
संजीवनी गुप्ता
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
Paras Nath Jha
कुछ लोगो ने मुझको पढ्ना बन्द कर दिया।
कुछ लोगो ने मुझको पढ्ना बन्द कर दिया।
Ashwini sharma
" पीरियड "
Dr. Kishan tandon kranti
रोटी की अहमियत
रोटी की अहमियत
Sudhir srivastava
सावन आया
सावन आया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
प्रेम और घृणा से ऊपर उठने के लिए जागृत दिशा होना अनिवार्य है
प्रेम और घृणा से ऊपर उठने के लिए जागृत दिशा होना अनिवार्य है
Ravikesh Jha
दोस्त तुम अलग हुए
दोस्त तुम अलग हुए
Shweta Soni
गुपचुप-गुपचुप कुछ हुए,
गुपचुप-गुपचुप कुछ हुए,
sushil sarna
तनहा भी चल के देखा कभी कारवाँ में चल के
तनहा भी चल के देखा कभी कारवाँ में चल के
Kanchan Gupta
मेरा दिल हरपल एक वीरानी बस्ती को बसाता है।
मेरा दिल हरपल एक वीरानी बस्ती को बसाता है।
Phool gufran
*** अहसास...!!! ***
*** अहसास...!!! ***
VEDANTA PATEL
🙅सियासी मंडी में🙅
🙅सियासी मंडी में🙅
*प्रणय*
ऐसे लोगो को महान बनने में देरी नही लगती जो किसी के नकारात्मक
ऐसे लोगो को महान बनने में देरी नही लगती जो किसी के नकारात्मक
Rj Anand Prajapati
वह कौन सा नगर है ?
वह कौन सा नगर है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
Neeraj Agarwal
चंद्र प्रकाश द्वय:ः मधुर यादें
चंद्र प्रकाश द्वय:ः मधुर यादें
Ravi Prakash
मानवता का है निशान ।
मानवता का है निशान ।
Buddha Prakash
मेरे हिस्से जब कभी शीशे का घर आता है...
मेरे हिस्से जब कभी शीशे का घर आता है...
sushil yadav
!! शिव-शक्ति !!
!! शिव-शक्ति !!
Chunnu Lal Gupta
*चिट्ठी*
*चिट्ठी*
Meera Thakur
क्या ख़ाक खुशी मिलती है मतलबी ज़माने से,
क्या ख़ाक खुशी मिलती है मतलबी ज़माने से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
माहिया - डी के निवातिया
माहिया - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
प्रभु का प्राकट्य
प्रभु का प्राकट्य
Anamika Tiwari 'annpurna '
Loading...