Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2024 · 1 min read

यूँ ही आना जाना है,

यूँ ही आना जाना है,
दुनिया एक झमेला है।

सुख दुख जीवन के पहलू,
धूप कहीं, कहीं छाया है।

खलिहानों में उम्र गई,
कहते लोग निठल्ला है।

कारिस्तानी बेटे की,
बाप खड़ा शर्मिंदा है।

दो दो हाथ करूं कैसे..?
सिक्का मेरा खोटा है।

ताड़ रहा था, जेल हुई,
पर बेचारा अंधा है।

आज़ादी की कीमत क्या,
लथपथ देख तिरंगा है।

नेता जी का याराना,
चोर, पुलिस, घोटाला है।

जो जितने शफ़्फ़ाफ़ दिखें,
मन उतना ही काला है।

लायक कौन भरोसे के,
हर चहरे पर पर्दा है।

देख मुझे तुम हंसते हो,
हंस लो वक़्त तुम्हारा है।

रिश्ते नाते क्या जाने,
बेघर एक “परिंदा” है।

16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्यों सिसकियों में आवाज को
क्यों सिसकियों में आवाज को
Sunil Maheshwari
किवाङ की ओट से
किवाङ की ओट से
Chitra Bisht
" संगति "
Dr. Kishan tandon kranti
राना लिधौरी के बुंदेली दोहा
राना लिधौरी के बुंदेली दोहा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
#धोती (मैथिली हाइकु)
#धोती (मैथिली हाइकु)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मानस हंस छंद
मानस हंस छंद
Subhash Singhai
Sometimes…
Sometimes…
पूर्वार्थ
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
Manisha Manjari
🙅सीधी-सपाट🙅
🙅सीधी-सपाट🙅
*प्रणय*
अधूरी दास्तान
अधूरी दास्तान
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
भारत की नई तस्वीर
भारत की नई तस्वीर
Dr.Pratibha Prakash
खिड़की के बाहर दिखती पहाड़ी
खिड़की के बाहर दिखती पहाड़ी
Awadhesh Singh
*भोजन की स्वच्छ रसोई हो, भोजन शुचि हाथों से आए (राधेश्यामी छ
*भोजन की स्वच्छ रसोई हो, भोजन शुचि हाथों से आए (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
भोले बाबा की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
भोले बाबा की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
किताब
किताब
Neeraj Agarwal
कफन
कफन
Kanchan Khanna
3650.💐 *पूर्णिका* 💐
3650.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
World Emoji Day
World Emoji Day
Tushar Jagawat
तप रही जमीन और
तप रही जमीन और
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरे दो अनमोल रत्न
मेरे दो अनमोल रत्न
Ranjeet kumar patre
मैं हूं न ....@
मैं हूं न ....@
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
साँसों के संघर्ष से, देह गई जब हार ।
साँसों के संघर्ष से, देह गई जब हार ।
sushil sarna
मैं कौन हूँ
मैं कौन हूँ
Chaahat
निभाना आपको है
निभाना आपको है
surenderpal vaidya
नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
यादें
यादें
Tarkeshwari 'sudhi'
आसान बात नहीं हैं,‘विद्यार्थी’ हो जाना
आसान बात नहीं हैं,‘विद्यार्थी’ हो जाना
Keshav kishor Kumar
चंद शब्दों से नारी के विशाल अहमियत
चंद शब्दों से नारी के विशाल अहमियत
manorath maharaj
वंसत पंचमी
वंसत पंचमी
Raju Gajbhiye
कृष्ण हूँ मैं
कृष्ण हूँ मैं
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...