यूँ याद जो करोगे तो…
मेरे ज़हन को प्यार के साँचे में ढाल के
वो ले के चल दिया है कलेजा निकाल के
नकली मिले यारों यहाँ हर चीज आजकल
दिलदार भी चुनो तो जरा देख-भाल के
वो प्यार को भी खेल समझता है दोस्तों
गर याद भी करेगा तो सिक्का उछाल के
यूँ याद जो करोगे तो भर आएँगे नयन
सोचो उसे लेकिन जरा काजल सम्हाल के
उसने दगा ‘आकाश’ दिया चल उठी कलम
अब तो ग़ज़ल के शेर बनेंगे कमाल के
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 17/11/2021
~~~~~~~~~~~~~~~~~
*मापनी- 221 2121 1221 212