युवा शक्ति
युवा शक्ति……
युवा शक्ति इक भीतर जगाओ
कर्तव्य पथ पर बढ़ते जाओ
नस- नस में उर्जा को बहने दो
नभ में रवि सा प्रकाश भरो
दहाड़ सिंह सी गर्जना करो
राणा सी वीरता दिखाओ
शिवाजी,विक्रम से बन जाओ
डरकर कभी हार न मानना
शक्ति, जोश,कर्म को जानना
उमंग नई लेकर मातृभूमि के
ललाट गर्व से उन्नत कर दो
ज्वाला रक्त में भर आगाज करो
क्रांति से रंग उज्ज्वल कर दो
मेहनत से तुम निर्माण करो
आलस्य,थकन त्याग गमन करो
ना झुके मस्तक मातृभूमि का
प्रण ये तुम बारम्बार करो।
✍️”कविता चौहान”
स्वरचित एवं मौलिक