युवा- वास्तविक बनाम काल्पनिक
क्या है युवा?
कौन है युवा?
कैसा होता है यह युवा?
कहाँ से आता है युवा?
क्या यह युवा आवश्यक है?
पुराने व्यक्ति, जिनके केश सफेद हो चुके हैं, जिनके चेहरे पर झुर्रियाँ आ चुकी हैं, जिन्हें सुविधाजनक (यदि सदुपयोग किया जावे, तो वे वरदान हैं अथवा अभिशाप तो हो ही जाएँगे) तकनीकी सुविधाएँ तथा माध्यम गलत लगते हैं, आवारगी लगती हैं ये सब विषय-वस्तुएँ, के बिना विकास सम्भव है अथवा नहीं, इस शीर्षक से ही आरम्भ करते हैं।
‘युवा’
इस शब्द के शाब्दिक अर्थ से जुड़ें, तो उपरोक्त वर्णित पुराना व्यक्ति युवा नहीं है और मौलिक या कह लें आधुनिक, समयानुसार जो परिवर्तित होना आवश्यक है और जो परिवर्तन हो भी चुका है, अर्थ से जुड़ें, तो यह कहना अनुचित नहीं है कि युवा कोई भी किसी भी आयु का हो सकता है।
यदि कोई वृद्धजन सम्बन्ध के वर्चस्व के माध्यम से आपको उसकी बात तथा उसके विचार सही एवं सत्य मान लेने पर विवश करता है, तो वह युवा वर्ग में नहीं आता (मेरे विचार में हुए विश्लेषण के अनुसार, जिसे सत्य व सही ही माना जाए आवश्यक नहीं)।
मैंने सत्य व सही शब्दों का उपयोग यहाँ इस लेख में किया और पृथक अर्थ को समझ कर किया, तो कुछ लोग सोच सकते हैं कि यह दोनों शब्द तो एक ही अर्थ अदा करते हैं, तो इस फ़क़ीर ने दोनों शब्दों का प्रयोग अलग अलग अर्थ समझ कर क्यों किये हैं इसलिए एक संक्षिप्त स्पष्टीकरण देना उचित लगा।
सत्य वह है जो पूर्णतः सही है और ‘सही’ शब्द यदि ‘सत्य’ के पूर्णतः बराबर (अर्थात दोनों शब्द यदि एक ही अर्थ प्रकट करते) होता, तो सत्य की इस परिभाषा में ‘सही’ शब्द का प्रयोग कैसे हो पाता !
सही तो सत्य का एक अंश है और अंश सम्पूर्ण से छोटा होता है सभी जानते हैं।
शेष, सभी समझदार हैं यह समझ रहे होंगे और नहीं हैं तो वे युवा नहीं हैं तथा जो युवा नहीं है, वह आवश्यक नहीं है।
अब आते हैं शीर्षक पर कि उपर्युक्त शब्द बताते हैं कि युवा क्या है, युवा कौन है, युवा कहाँ से आता है और युवा आवश्यक है या नहीं।
युवा हर वह व्यक्ति है, जो विकास का अर्थ समझता है, जो कि पारम्परिक धीमी गति वाले माध्यमों व संसाधनों से होने के बजाय समय की बचत के साथ साथ पारम्परिक माध्यमों व संसाधनों से अच्छा परिणाम देने वाले आधुनिक (युवा) माध्यमों व संसाधनों से हो।
युवा हर वह व्यक्ति है, जो समझता है कि प्रेम से उत्तम कोई भी माध्यम या संसाधन जगत में कोई भी नहीं है।
युवा हर वह व्यक्ति है, जो न्यायप्रिय होता है।
युवा हर वह व्यक्ति है, जो जान चुका है कि सत्य क्या है और सही क्या है क्योंकि असत्य का पता तो सत्य जानने वालों को स्वतः चल जाता है, तो भी जो लोग असत्य का आंकलन करने में समय व संसाधन नष्ट करते हैं और जो इन्हें प्रेम से सत्य समझाता है, वह है युवा।
आप हैं युवा या कहें आप में है युवा क्योंकि आवश्यक यह नहीं कि आप हैं कि नहीं बल्कि आवश्यक यह है कि विकास हो ।न्याय हो।
जय हिंद
जय मेधा
जय मेधावी भारत
©® सन्दर्भ मिश्र पुत्र श्री नरेन्द्र मिश्र
ग्राम दफ्फलपुर,
पोस्ट व थाना रोहनियाँ,
जनपद वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत-221108