युवा मन❤️🔥🤵
हर बात पर जिद उसकी , हर बात जीतने का अरमान|
हर बात पर मुकरने वाला , पर माँ के मन का रखता मान|
कुछ उलझा-सा है, अटके मन का, हर हाल उसको भान|
रंग स्वप्न में डूबा युवा है, व्यंजन स्वादु , कहां पहचान?
पसन्द अपनी,जाने न जाने, हां ! दूसरों का रखता ध्यान |
जाने डूबकर दिन -रात-सायम् ,गुमसुम सोचे किसका नाम?
संसार अकेला , आवाज गम्भीर ,उग्र मन, रंजित परिधान।
मंद आत्मविश्वास, दूर परिवार, झेंप -आतुरता ,उसकी पहचान ।
नयनद्वय के जल अविरल, उसके मन को मनभर जान।
संवेग- बादल जिसका परिणाम,कौन समझे उसका अधिमान?
सरलता जिससे चली गई है, ऐसा यौवन है गतिमान।
चंचल पंछी- सा ऊंचाई तक,शायद उसका चढ़ता परवान।
उसकी आदत सब्र का काम, कैसे कुँवारा बिताता याम?
सब निभाता सलीके से , पर कब तक रखे वो मन को थाम?
शायद इसी आशा में जी रहा, कठिन डगर में निज प्राण।
एक दिन सुखद अनुभूति की , आयेगी कांता देने विश्राम।।
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