युवाओं के मुद्दे
युवाओं के सभी मुद्दें, है ये मुद्दें युवाओ के
सभी जाति धर्म के बंधनों को तोड़ देते हम,
बिखरे हुए भारत को फिर से जोड़ देते हम
मगर जब भी हम कोशिश करते है कुछ भी कहने की
सभी कहते कि तुम हो जाओ चुप, ये कौन से है आपके मुद्दे
तुमको बस इतना ही समझता हूं साथियों, की करो मत बैर आपस में क्योंकि
ये भेद तुम्हारे हमारे नही है, ये है सियासत के आकाओ के
जो तुमको हमको आज तक है बाटते आये
जो रिश्ते बुनने से पहले ही धागे काटते आये
ये सबको वोट समझते है वोट की तरह ही बाटते आये।
आवरण अग्रवाल ” श्रेष्ठ “