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11 Aug 2024 · 1 min read

*युद्ध सभी को अपने-अपने, युग के लड़ने ही पड़ते हैं (राधेश्या

युद्ध सभी को अपने-अपने, युग के लड़ने ही पड़ते हैं (राधेश्यामी छंद )
_______________________
युद्ध सभी को अपने-अपने, युग के लड़ने ही पड़ते हैं
दुष्टों के पैने दॉंत सदा, सज्जन समाज पर गड़ते हैं
इन युद्धों से दो-चार करो, बढ़कर चुनौतियॉं स्वीकारो
जीवन-संग्राम महा जानो, भीतर का साहस मत हारो

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

1 Like · 31 Views
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