युग संदेश
उठों पार्थ,संसय को छोडों,
आगें बढ़ अब नाते जोडो़ं।
शंखनाद कर सबें बुलाओं,
स्वच्छता की बात बताओं।
मिलजुल कर सबको है चलना,
बाह्य शौंच मुक्त भारत को करना।
गली गली मे फेरी देकर,
शौचालय के लाभ बताओं।
भाई भावी,ताऊ,जन जन को,
बाह्यशौंच से रोको-टोको।
प्रेरक बन तुमको आगें बढ़ना,
पक्ष-विपक्ष का भेद मिटाना।
भारत निश्चित स्वच्छ बनेगा,
नेक काम है निमित्त बनजाओं।