“युग -पुरुष “
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
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रहो तुम
प्यार से जुड़कर ,
नहीं प्रतिवाद
तुम करना !
मिली हैं
नियामतें तुमको ,
उसे जुड़कर
सदा रहना !!
बनो हमदर्द
तुम सबका ,
सभी से प्यार
तुम करना !
फिसल जाए
कोई साथी ,
सहारा उसको
तुम देना !!
सुबह हर
दिन ही आता है,
करें हम
सबका ही वंदन !
सभी की
पूर्ण हो आशा ,
सफलता का
लगे चन्दन !!
बड़ों के
सामने झुक कर ,
उन्हें सत्कार
करना है !
सफल हों
जिंदगी में भी,
हमें आशीष
लेना है !!
सिखाओ तुम
हुनर अपना,
जो तुमसे हैं
अनुज अपने !
पढ़ाओ पाठ
जीवन का ,
सफल उनके
करो सपने !!
करोगे तुम
भला जग में,
तुम्हें सब
याद कर लेंगे !
रहोगे “युग पुरुष”
सब दिन,
नया इतिहास
रच लेंगे !!
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डॉ लक्ष्मण झा परिमल
साउंड हैल्थ क्लीनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
21.09.2024