*युगों-युगों से देश हमारा, भारत ही कहलाता है (गीत)*
युगों-युगों से देश हमारा, भारत ही कहलाता है (गीत)
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युगों-युगों से देश हमारा, भारत ही कहलाता है
1)
पूज्य भाव को लिए हुए हम, भारत के आराधक
सर्व समर्पण मनोवृति के, भावों के हम साधक
हम बेटा-बेटी हैं इसके, भारत अपनी माता है
2)
यह पवित्र है देश हमारा, गंगा जहॉं बही है
यह आई थी स्वर्ग-लोक से, यह मान्यता सही है
बॉंधी गंगा जटा-जूट में, शिव जी से यह नाता है
3)
यह शकुंतला थी जिसके, दुष्यंत प्रेम में पड़ते
उनके पुत्र भरत बलशाली, सिंहों से थे लड़ते
विश्वामित्र महा-ऋषि का तप, अद्भुत तेज प्रदाता है
4)
भारत माता की जय हमने, सदा-सदा से बोली
भारत रत्नों से ही भारत, मॉं की भरती झोली
शब्द लिखा जो राष्ट्रगान में, भारत भाग्य विधाता है
5)
हुए सहस्त्रों वर्ष देश का, भारत नाम पुराना
आदिकाल से ग्रंथ गा रहे, यह जाना पहचाना
युद्ध महाभारत ही था जो, भारत नाम सुनाता है
युगों-युगों से देश हमारा, भारत ही कहलाता है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615 451