युगदृष्टा गोस्वामी तुलसीदास जी
मुग़ल काल में सनातन संस्कृति के प्रतीकों को
मिटाने का जब प्रयास किया
विघटन जब हुआ समाज में, जीवन मूल्यों का ह्रास हुआ
ऐसे कठिन समय में, महाकवि तुलसीदास युगदृष्टा का आविर्भाव हुआ
राम नाम की संजीवनी बूटी से सनातनी मूल्यों का उद्धार हुआ
राम चरित गाया तुलसी ने,मानव मूल्य जीवंत किए
निराकार पर ब्रह्म को, राम रूप में साकार किए
निराकार पर ब्रह्म, जब साकार धरा पर आते हैं
मानव जाति के सारे गुण, राम चरित में बस जाते हैं
आदर्श और अनुकरणीय,जन जन के हो जाते हैं
त्याग तपस्या और मर्यादा की, राम कथा ने राह दिखाई
करूणासिंधु शीलवान उदार प़भु, भक्तों के सदा सहाई
पापियों को दंड देने में, कठोर रहे रघुराई
मर्यादित मानव जीवन को, तुलसी ने रामचरित में गाया
जीने की राह दिखाई, मर्यादित जीवन सिखलाया
सत्य सनातन संस्कृति को, दुनिया तक पहुंचाया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी